प्रशंसनीय – एक लेखक के व्यक्तित्व की आपबीती
काको की धरती साहित्य की दृष्टि से अत्यंत उपजाऊ है। "अताउर-रहमान अता काकवी के बाद इस युग में लतीफ अल्मा शम्सी , और शमशुज़ ज़ोहा मलिक काकवी जिन्होंने "एकतेसादी इंसाफ" लिखा है, का नाम ज़रूर लिया जाएगा।
काको की धरती साहित्य की दृष्टि से अत्यंत उपजाऊ है। “अताउर-रहमान अता काकवी के बाद इस युग में लतीफ अल्मा शम्सी , और शमशुज़ ज़ोहा मलिक काकवी जिन्होंने “एकतेसादी इंसाफ” लिखा है, का नाम ज़रूर लिया जाएगा।

इस प्रकार काको की धरती साहित्य की दृष्टि से अत्यंत उपजाऊ है। लेकिन कई दिनों तक सन्नाटा पसरा रहा। काको निवासियों में से किसी ने भी नहीं सोचा था कि डिजिटल के इस नये युग मे भी हम अपनी पुरानी परंपराओं को फिर से अपने कंधों पर ले कर आगे बढ़ेंगे। इस क्षेत्र में कोई भी शोधकर्ताओं द्वारा लिखित पुस्तक जब भी प्रत्यक्ष रूप से सामने आएगा, हर दौर में “अताउर-रहमान अता काकवी के बाद इस युग में लतीफ अल्मा शम्सी , और शमशुज़ ज़ोहा मलिक काकवी जिन्होंने “एकतेसादी इंसाफ” लिखा है, का नाम ज़रूर लिया जाएगा।

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