आज दिल्ली अधिवक्ताओं ने राष्ट्रपति भवन के कार्यालय में ज्ञापन सौपा।

जब-जब न्याय और संविधान का मिटाने की बात होगी तब तक वकील सविधान की रक्षा हेतु हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।

जब-जब न्याय और संविधान का मिटाने की बात होगी तब तक वकील सविधान की रक्षा हेतु हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।

आज दिल्ली के वकीलों द्वारा राष्ट्रपति भवन के कार्यालय में ज्ञापन सौपा गया।

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नई दिल्ली – एडवोकेट चांदराम के नेतृत्व और दिनेश कुमार गुप्ता ने वकीलों के द्वारा राष्ट्रपति भवन के कार्यालय में महिला पहलवानों को न्याय दिलाने, सांसद बृजभूषण की गिरफ्तारी और सविधान को बचाने के लिए ये ज्ञापन दिया गया। इस ज्ञापन में वकीलों ने मांग की हैं कि बेटी बचाओ के तहत भारत कि महिला पहलवानों को सम्मान दिए जाने की आवश्यकता हैं। भारत की बेटियों को जंतर मंतर पर दिल्ली पुलिस के द्वारा घसीटकर ले जाया गया और उनके साथ अपराधी जैसा व्यवहार किया गया। चांदराम ने कहा कि भारत के अंदर संविधान को बचाने और महिला पहलवानों को न्याय दिलाने के लिए अब एक ही रास्ता है कि माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी कुछ ऐसा महत्वपूर्ण आदेश पारित करे जिससे सांसद बृजभूषण की गिरफ्तारी की जाए और उनके गलत कार्यो की सजा के लिए उन्हें जेल भेजा जाए। उन्होंने कहा की जब-जब न्याय और संविधान का मिटाने की बात होगी तब तक वकील सविधान की रक्षा हेतु हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे। इसके अलावा जब उनको लगेगा तो वह सड़कों पर उतर कर इस संविधान को बचाने की हर मुमकिन कोशिश करेंगे क्योंकि महिलाओं का सम्मान सर्वप्रथम है इसके लिए चाहे हमें जेल क्यों न जाना पड़े।

इस ज्ञापन में एडवोकेट चांदराम के साथ एडवोकेट दिनेश कुमार गुप्ता, दिनेश कुमार मल्होत्रा, सुरजीत लाठी, पुनीत तोमर, मोहन पालीवाल,भूपेंद्र सिंह, वीके शर्मा, संदीप त्यागी, अंकुर कुमार, आंचल चौहान, विक्रांत चौटाला, राजेश जैन, हरिकिशन टाक भी मौजूद थे ।

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