दिल्ली सरकार का केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को सुझाव

एनसीआर के राज्यों से सार्वजनिक परिवहन के सीएनजी या इलेक्ट्रिक वाहन ही दिल्ली के अंदर आएं। *- दिल्ली की तरह ही एनसीआर के राज्यों में भी पटाखों पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई जाए- गोपाल राय

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिए कई सुझाव।

दिल्ली सरकार का केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को सुझाव

नई दिल्ली – दिल्ली के पर्यावरण मंत्री श्री  गोपाल राय आज केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री श्री  भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में  एनसीआर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन और वायु प्रदूषण में कमी लाने को लेकर की जा रही पहलोंं को लेकर वर्चुअल समीक्षा बैठक में शामिल हुए। इस बैठक में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री श्री गोपाल राय के अलावा एनसीआर के राज्यों के पर्यावरण मंत्री भी शामिल हुए। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली के प्रदूषण में लगभग दो तिहाई से ज्यादा  दिल्ली के बाहर के स्रोतों की भूमिका होती है। सीएसई की पिछले साल की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदूषण में  केवल 31 फीसद दिल्ली के अंदर के स्रोत की भूमिका होती है, जबकि बाहरी स्रोत का योगदान 69 फीसद है। इसलिए दिल्ली के वायु प्रदूषण को कम करने के लिए एनसीआर के राज्यों को सभी जरूरी कदम उठाने पड़ेंगे। मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सबसे पहले एनसीआर से दिल्ली आने वाले सभी सार्वजनिक परिवहन  सीएनजी  या इलेक्ट्रिक पर चलने चाहिए। साथ ही, एनसीआर राज्यों में भी दिल्ली की तरह ही पटाखों पर पूरी तरह से पाबंदी हो। उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो हमें यह समझना होगा कि पर्यावरण की समस्या किसी राज्य विशेष से संबंधित नहीं है। राज्यों की अपनी सीमाएं हैं किन्तु प्रदूषण की कोई सीमा नहीं है। इसीलिए एनसीआर के राज्यों के लिए रीजनल कार्यान्वयन कमिटी बनाई जाए जो प्रदूषण की लगातार मॉनिटरिंग कर सके।   
पर्यावरण मंत्री श्री गोपाल राय ने कहा कि इस साल भी सर्दी के मौसम में होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने सभी विभागों एवं संबंधित एजेंसियों की मदद से एक 15 पॉइंट का विंटर एक्शन प्लान बनाया है। पिछले दो वर्षों से हमने दिल्ली के खेतों में पराली गलाने के लिए पूसा बायो-डीकंपोजर का मुफ्त में सफलता पूर्वक छिड़काव किया है। जिसका सकारात्मक प्रभाव रहा है। पिछले साल से ज्यादा  इस साल भी हम दिल्ली में बासमती और गैर-बासमती कृषि भूमि पर मुफ्त में पूसा बायो-डीकंपोजर का छिड़काव करेंगे। धूल प्रदूषण को कम करने के लिए 6 अक्टूबर से एंटी डस्ट कैंपेन  चलाया जा रहा है। पिछले साल की तरह इस बार भी पूरे एक महीनें का एंटी डस्ट कैंपेन शुरू किया है और मैं खुद साईटों पर जा कर यह देखता हूँ कि दिशा-निर्देशों का पालन सही तरीके से हो। एनसीआर के राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों से अनुरोध है कि वे उच्च अधिकारियों की एक टीम बनाएं जो साईटों पर जाकर सीएक्यूएम के दिशा-निर्देशों का  पालन करवाए और अगर संभव हो सके तो राज्यों के पर्यावरण मंत्री भी निर्माण साईटों का दौरा करें। उन्होंने आगे कहा कि रीजनल कार्यान्वयन कमिटी  बनाई जाए जो एनसीआर में प्रदूषण की लगातार मॉनिटरिग कर सके।
पर्यावरण मंत्री श्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में वायोमास वर्निग को रोकने के लिए हमने टीमे बना दी हैं। वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए वाहनों के पीयूसी सर्टिफिकेट की जांच एवं  10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध के अनुपालन  के लिए टीमों का गठन किया गया है। दिल्ली के अंदर सभी पंजीकृत 1684 औद्योगिक ईकाइयां  पाइप्ड नेचुरल गैस द्वारा संचालित हैं। विंटर एक्शन प्लान के तहत 33 टीमें इन सभी औद्योगिक ईकाइयों का निरीक्षण करेंगी कि ये ईकाइयां किसी भी अनधिकृत और प्रदूषणकारी ईंधन का उपयोग तो नहीं कर रही हैं। साथ ही अवैध रूप से चल रही औद्योगिक ईकाइयों पर भी कार्रवाई होगी। दिल्ली के अंदर पटाखों के उत्पादन, भण्डारण और किसी भी प्रकार की बिक्री या खरीद पर पूरी तरह प्रतिबन्ध है । यह प्रतिबन्ध पटाखों के ऑनलाइन डिलीवरी पर भी लागू है। दिल्ली के अंदर वृक्षारोपण अभियान के तहत अपना लक्ष्य 42 लाख पेड़ लगाने का रखा है। जिसमे से पहले चरण में करीब 35 लाख वृक्ष लगाए जा चुके हैं। 24 घंटे मॉनिटर करने के लिए 3 अक्टूबर से ग्रीन वॉर रूम को और बेहतर रूप में शुरू किया गया है। पालिसी को जमीन पर उतारने के लिए उसकी मानीटरिंग बहुत जरूरी है और इसी लिए हमने दिल्ली में वाररूम की शुरूआत किया जो 24 घंटे काम करता है। ग्रीन दिल्ली ऐप के माध्यम से कभी भी प्रदूषण से संबंधित शिकायत की जा सकती है जिसकी मानीटरिंग वार रूम द्वारा की जाती है।  
मंत्री श्री गोपाल राय ने आगे कहा कि एनसीआर राज्यों के लिए रीजनल कार्यान्वयन कमिटी बनाई जाए जो एनसीआर में प्रदूषण की लगातार मॉनिटरिग कर सके। एनसीआर के राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों से अनुरोध है कि वे उच्च अधिकारियों की एक टीम बनाएं जो साईटों पर जाकर सीएक्यूएम के दिशा-निर्देशों का  पालन करवाएं।
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