दिल्ली नगर निगम के नए परिसीमन पर प्रदेश कांग्रेस ने बच्चों की तरह निगम को घमकाया।
नगर निगम में परिसीमन ड्राफ्ट की त्रुटियों को अगर परिसीमन समिति ने ठीक नही किया तो दिल्ली कांग्रेस न्यायालय का दरवाजा खटखटाऐगी।- चौ0 अनिल कुमार
नगर निगम में परिसीमन ड्राफ्ट की त्रुटियों को अगर परिसीमन समिति ने ठीक नही किया तो दिल्ली कांग्रेस न्यायालय का दरवाजा खटखटाऐगी।- चौ0 अनिल कुमार
नगर निगम में परिसीमन ड्राफ्ट की त्रुटियों को अगर परिसीमन समिति ने ठीक नही किया तो दिल्ली कांग्रेस न्यायालय का दरवाजा खटखटाऐगी।- चौ0 अनिल कुमार
एस. ज़ेड. मलिक
नई दिल्ली – आज कल दिल्ली प्रदेश कांग्रेस जैसे बेबस और बेजान सी नज़र आ रही है । कांग्रेस चाहे राष्ट्रीय हो या राज्यवार बिना अभिभावक के एक यतीम बच्चे की भांति काम कर रही है। हर बड़े नेता जो कांग्रेस के पिलर कहे जाते थे आज वह कांग्रेस को छोड़ने पर मजबूर हैं, कारण क्या है यह अभी भी रहस्य है। कहीं धमकी तो नहीं ? और उधर आंदोलन के नाम पर कांग्रेस के परंपरागत नेता राहुल गांधी ने पद यात्रा जारी कर रखा है। यह यात्रा कन्या कुमारी से कश्मीर तक है। इधर जहां जहां भी कुछ प्रदेशों कांग्रेस की सरकार है वहां वहां कांग्रेस के विधायक का कोई भरोसा नही कब कौन डर से या पैसे की लालच में अपने आपको भाजपा की झोली में छुप जाये? इस पर भी आमन्जस्ता बनी हुई है।
इधर दिल्ली में शिला स्वर्गीय शिला दिक्षीत के बाद जैसे धीरे धिरे कांग्रेस दिल्ली में बेजान सी दिखाई दे रही है। अब आज ही कि बात ले लीजिये दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिल्ली नगर निगम के नये परिसीमन पर विज्ञप्ति देने गये उसमें ऐसे लिखा जैसे कोई छोटा सा बच्चा अपने मां को लॉलीपॉप लेने के लिये धमका रहा हो ” अगर लॉलीपॉप लेने को पैसे नहीं दिया तो मैं दरवाजा पिटूंगा” बच्चा तो इतना भी धमका देता है। यह लोग तो बचकहों से बदतर कर रहे हैं। केंद्र का इन्हें भी इतना डर है कि चाह कर दबी जुबान में हंस कर विरोध करते हैं।
कांग्रेस दिल्ली प्रदेश में जानदार नेता आना चाहिये । जबतक कांग्रेस 1947 से पहले की तरह अंग्रेजों भारत छोड़ो वाला आंदोलन नही खड़ा करती है और उस में जब तक कांग्रेसी आपनी कुर्बानी नही देते हैं तब तक सत्ता हासिल नहीं होगा। अब कांग्रेसीओं को आरएसएस की अवैध सन्तान जो कांग्रेस के शीर्ष पदों पर विराजमान हो कर कांग्रेस को दीमक की तरह चाट रहे है यह मात्र तीन प्रतिशत मनुवादी ब्राह्मण हैं जिन्हें कांग्रेस को छोड़ना पड़ेगा, तभी कांग्रेस कामयाब होगी।
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