दिल्ली परिवहन निगम ने डीटीसी पेंशन 1992 योजना के तहत कर्मचारियों को पेंशन देने का निर्णय लिया।
आज का रेजोल्यूशन इस अर्थ में ऐतिहासिक है कि यह दशकों से डीटीसी के मौजूदा और सेवानिवृत्त कर्मचारियों की मांग रही है- कैलाश गहलोत
आज का रेजोल्यूशन इस अर्थ में ऐतिहासिक है कि यह दशकों से डीटीसी के मौजूदा और सेवानिवृत्त कर्मचारियों की मांग रही है- कैलाश गहलोत
दिल्ली परिवहन निगम ने डीटीसी पेंशन 1992 योजना के तहत कर्मचारियों को पेंशन देने का निर्णय लिया।
नई दिल्ली – दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने दिनांक 31.08.2022 की अपनी बोर्ड बैठक में डीटीसी के वैसे कर्मचारियों/पूर्व कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना को मंजूरी दे दी है जो अगस्त ’81 से नवंबर’92 तक रोल पर तो थे लेकिन 1992 की डीटीसी पेंशन योजना का विकल्प नहीं चुना था। एक अन्य निर्णय में, डीटीसी बोर्ड ने सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों (पेंशनभोगियों / गैर-पेंशनभोगियों) के साथ-साथ उनके पात्र आश्रित परिवार के सदस्यों और डीटीसी के मृत नियमित कर्मचारियों के आश्रितों को डीटीसी कर्मचारियों के लिए मौजूदा विशेष चिकित्सा योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभों में शामिल करने को भी मंजूरी दी।
डीटीसी पेंशन योजना को केंद्र सरकार के भूतल परिवहन मंत्रालय द्वारा दिनांक 23.11.1992 को निगम के कर्मचारियों के लाभ के लिए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के समान ही स्वीकृत किया गया था। 1992 में योजना के कार्यान्वयन के दौरान, सभी डीटीसी कर्मचारियों को पेंशन योजना से ऑप्ट-इन/बाहर रहने का विकल्प प्रदान किया गया था। जिन कर्मचारियों ने इस पेंशन योजना को ऑप्ट-इन नही किया था उन्हे डीटीसी योजना के तहत कवर करने की बार-बार मांग की जा रही थी। इसके लिए उनके द्वारा कई अलग-अलग मौकों पर अभ्यावेदन दिए गए थें। 07.07.2018 को यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में दिल्ली के परिवहन मंत्री ने सभी को इसे जल्द से जल्द लागू करने का आश्वासन दिया था। इससे सम्बंधित सभी मामले की जांच के लिए डीटीसी, संघ के प्रतिनिधियों और परिवहन विभाग के अधिकारियों की एक समिति गठित की गई थी। समिति ने इस तरह के 12000 सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए इसे लागू करने पर प्रति माह 26.50 करोड़ रुपये का खर्च बताया था।
आज की बैठक में डीटीसी बोर्ड ने डीटीसी के सभी सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों, गैर पेंशनभोगियों, उनके आश्रितों और डीटीसी के मृत कर्मचारियों के पात्र आश्रितों को डीटीसी विशेष चिकित्सा योजना का लाभ देने का भी संकल्प लिया। इससे डीटीसी के 30,000 सेवानिवृत्त कर्मचारियों को फायदा होने की उम्मीद है। डीटीसी द्वारा विशिष्ट चिकित्सा योजना, वर्तमान में केवल उनके मौजूदा सेवारत कर्मचारियों को कवर करती है, जबकि सेवानिवृत्त कर्मचारी जो पेंशनभोगी हैं, उन्हें 500 / – रुपये प्रति माह का एक निश्चित चिकित्सा भत्ता दिया जाता है, जिसे अगस्त 2021 में बढ़ाकर 1000 / – प्रति माह कर दिया गया था। मौजूदा डीटीसी कर्मचारियों के लिए चिकित्सा योजना में कर्मचारी और उनके परिवार के लिए दवाओं और इनपेशेंट विभाग (आईपीडी) / आउट पेशेंट विभाग (ओपीडी) सहित चिकित्सा उपचार का खर्च शामिल है। केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) की दर सूची और सरकारी अस्पतालों की दरों के अनुसार दावा प्रस्तुत करने पर डीटीसी कवर किए गए सेवारत कर्मचारी को राशि को रीम्बर्स करता है। सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को योजना के तहत कवर किए जाने के साथ, निश्चित चिकित्सा भत्ता समाप्त हो जाएगा।
यह योजना सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए दिल्ली सरकार कर्मचारी स्वास्थ्य योजना (डीजीईएचएस) के पैटर्न में प्रस्तावित है, जहां किसी को आजीवन कवरेज के लिए सेवानिवृत्ति के समय सदस्यता/अंशदान के रूप में 10 साल की एकमुश्त राशि का भुगतान करना होगा। प्रस्तावित योजना के लिए, यदि सेवानिवृत्त कर्मचारी की आयु 80 वर्ष से कम है, तो सदस्यता डीजीईएचएस पैटर्न के अनुसार 10 वर्ष के बराबर होगी। वहीँ अगर उनकी आयु 80 वर्ष से अधिक है, तो उनके पास प्रत्येक वर्ष के कवरेज के लिए वार्षिक आधार पर सदस्यता का भुगतान करने या इस चिकित्सा योजना के तहत आजीवन कवरेज के लिए एक बार में 10 वर्षों के लिए भुगतान करने का विकल्प होगा।
अब डीटीसी बोर्ड द्वारा स्वीकार किए गए दो प्रस्तावों को अंतिम मंजूरी और कार्यान्वयन के लिए दिल्ली सरकार को भेजा जाएगा।
दिल्ली के परिवहन मंत्री और डीटीसी बोर्ड के अध्यक्ष कैलाश गहलोत ने कहा, “आज का रेजोल्यूशन इस अर्थ में ऐतिहासिक है कि यह दशकों से डीटीसी के मौजूदा और सेवानिवृत्त कर्मचारियों की मांग रही है। मुझे खुशी है कि आज के फैसलों से कई वरिष्ठ नागरिकों और पूर्व कर्मचारियों को पेंशन और चिकित्सा कवरेज का लाभ मिलेगा। यह इस बात का भी सबूत है कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व में जब नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा और मूलभूत लाभ सुनिश्चित करने की बात आती है, तो हम सभी ज़रूरी क़दम उठाते हैं।”
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