5वां, पूर्वांचल महोत्सव “माटी” समारोह कार्यक्रम का आयोजन

75वां आज़ादी का अमृत महोत्सव, के अवसर पर " माटी " के नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया।

75वां आज़ादी का अमृत महोत्सव, के अवसर पर ” माटी ” के नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया।

पूर्वांचल महोत्सव माटी समारोह कार्यक्रम का आयोजन

 एस. ज़ेड. मलिक 

 माटी ” यह शब्द सुनते ही मन मे एक कौतूहल सा होने लगता है। ” माटी ” अर्थात मिट्टी, यानी अपने वतन की मिट्टी, अपना जन्म स्थान, अपना पैतृक गांव, बस क्या है कि इस शब्द से अपने बचपन की वह छवि अपने दृष्टि में सामने उभर कर आ जाती है  जो वर्षों से मनोमस्तिष्क के किसी गोशे में वर्तमान स्थिति के बोझ से दबी हुई सुबकती अर्धनिंद्रा में अचेत सी पड़ी थी।  और व्यक्ति शांत मुद्रा में एक निर्जीव मूरत के समान एक जगह बैठा या खड़ा एक सिम्त टक टकी लगाये बस देखता ही जाता रहता है, वह पूर्णरूप से अपने भूत में खो जाता है, जब तक उसे कोई दूसरा व्यक्ति न झिंझोड़े या उसके सामने चुटकी न बजाए या किसी की ज़ोर की आवाज़ उसके कानो में न जाये वह सुन्न सा रहता है। भई यादें ऐसी होती है – वह भी अपने बचपन के घटनाक्रम की !!! जिसे माटी कहते हैं। 

 

बहरहाल –  दिल्ली में रचे बसे पूर्वांचल वासियों ने पिछले दिनों दिल्ली के राजघाट गांधी दर्शन के प्रांगण में स्थित ऑडोटेरियम में 75वां आज़ादी का अमृत महोत्सव, के अवसर पर ” माटी ” के नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया। ” इस शब्द को सुनते ही मेरी सारी स्मृतियां मेरे अपने गाँव पर केंद्रित हो गई, बचपन की सारी यादे ताज़ा हो गयीं। मैं समझता हूं कि वहां उपस्थिति जितने अतिथिगण , श्रोताओं आमंत्रित थे शायद लगभग सभी की मनोवृति कमो-बेस मेरे ही जैसे रही होगी।
बहरहाल – सब से पहले वहां आमंत्रित श्रोता एवं अतिथिगण के लिये रजिस्ट्रेशन की व्यावस्था थी, रजिस्ट्रेशन करा कर फिर उनके खाने की व्यावस्था थी, उसके बाद उनके लिये हॉल में बैठने की व्यावस्था थी जहां वैसे बड़े ओहदेदार प्रतिष्ठित व्यक्तित्वान वरिष्ठ लोगो द्वारा जो अपनी अपनी माटी जुड़े होने के नाते अपनी माटी यानी अपनी मातृभूमि की भूली बिसरी यादों को ताज़ा करते हुए अपने पूर्वांच के सरजमीं के लिये कुछ बेहतर करने का संकल्प लेते रहे थे। 
इस अवसर पर सम्मान समारोह का उद्घाटन आर्थिक मामले के केंद्रीय राज्य मंत्री  पंकज चौधरी ने किया और गेस्ट ऑफ ऑनर सांसद श्री वीरेंद्र सिंह मस्त एवं सांसद श्री हरीश द्वेदी ने दिया तथा पूर्वांचल महोत्सव माटी समारोह कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप केरल के राज्यपाल – जनाब, नही, नही,,, उन्हें जनाब कहना ठीक नहीं होगा , जनाब तो उनकी दृष्टि या उनकी विचार में एक असम्मानित शब्द होगा, इसलिये की उन्हें मुसलमान होने पर बहुत पछतावा है। बहरहाल ” बात निकलेगी तो बहुत दूर तलक जाएगी” खैर छोड़िये,….. महामहिम श्री आरिफ मोहम्मद खान, प्रधानमंत्री जी ने ऐसे ही ठेडे ही उन्हें राजपाल बना दिया उनकी क़ाबलियत का कोई तोड़ नही है इस भारत मे , रामायण, ऋगवेद, चारो वेद कंठस्त है, और भारत सरकार के आईजीएनसीए अध्यक्ष और माटी ट्रस्ट के चेयरमैन श्री रामबहादुर राय थे। इनके द्वारा 6 विशेष प्रतिष्ठित गण्यमान्य लोगों को माटी सम्मान से सम्मानित किया गया सर्व प्रथम भोजपुर फ़िल्म के महानायक एवं सांसद श्री रवि किशन दूसरे फिल्मी दुनिया के ही एक और हस्ती गाना की धुन लिखने वाले श्री समीर अंजान, भारत सरकार के रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एवं सीईओ श्री वी. के. त्रिपाठी, इलाहाबाद विश्वविद्यालय की वीसी श्रीमती संगीता श्रीवास्तव, चैयरमैन इंडिया गैस सोलेशन के श्री प्रभात सिंह, जेनरल इंसोरेंस के     सीएमडी, श्री द्वेष श्रीवास्तव को “माटी स्मृति चिन्ह दे कर सम्मानित किया गया। 
इस कार्यक्रम की विशेषता यह थी कि अलग अलग कार्यक्रम के अलग अलग मुख्य अतिथि थे।  
इनके अलावा इस समारोह में सूर-संगीत कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एक और महान हस्ती भारत सरकार के नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत, एवं अभिजीत मेमोरियल फाउंडेशन प्रतिभागी द्वारा आयोजित “माटी” प्रतियोगता पुरुस्कार,  बजाज अलाइंस के एमडी एवं सीईओ श्री तपन सिंघल ने अपनी माटी के लिये कार्यरत प्रतिभागियों को पुरुस्कार वितरित कर सम्मानित किया।
 इस अवसर पर कवि सम्मेलन कार्यक्रम का भी आयोजन किया जिसमें सांसद एवं कवि श्री संजय सिंह, भोजपुरी कवि एवं विधायक श्री दिलीप पांड्य, अवधि कवि श्री मनोज मिश्रा कप्तान, उर्दू कवि जनाब उमर फ़ारूक़, एवं आलभ ग़ाज़ीपुरी तथा हिंदी उर्दू कवि श्रीमती सोनियां कंवल ने अपनी अपनी कविता प्रस्तूत किया।
वहीं इस समारोह में “गांधी, स्वतंत्रता संग्राम और पूर्वांच पर एक परिचर्चा किया गया जिसमें पत्रकार श्री जयशंकर गुप्ता, इत्तिहासकार प्रोफेसर कपिल कुमार , श्री अरविंद सिंह पत्रकार ने भाग लिया
इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक प्रबंधक फ़िल्म मेकर एवं पेन फाउंडेशन के चेयरमैन श्री आसिफ आज़मी एवं कोर कमेटी के सदस्यों ने किया तथा मंच  संचालन  पराखर मालवीय कान्हा ने किया।   

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