एससी/एसटी कल्याण समिति निजी स्कूलों के खिलाफ खड़ी हुई

एससी/एसटी, कल्याण समिति ने शिक्षा विभाग से ईडब्ल्यूएस छात्रों का प्रवेश न लेने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ - एफआईआर दर्ज कराने की मांग।

– एससी/एसटी कल्याण समिति के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत प्रवेश से इन्कार करने वाले निजी स्कूलों को जारी किया था कारण बताओ नोटिस*

एससी/एसटी कल्याण समिति निजी स्कूलों के खिलाफ खड़ी हुई।

एससी/एसटी, कल्याण समिति ने शिक्षा विभाग से ईडब्ल्यूएस छात्रों का प्रवेश न लेने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ – एफआईआर दर्ज कराने की मांग।

एस. ज़ेड. मलिक (स्वतंत्र पत्रकार)

नई दिल्ली – दिल्ली के निजी स्कूल आज – कल कॉरपोरेट बन गए हैं जहां गरीब बच्चों को पढ़ना सपना सा होने लगा है, केंद्र की भाजपा सरकार जहां सारी सरकारी महकमाओ को कॉरपोरेट बनाने में लगी हुई है, वही निजी स्कूल भी किसी की परवाह किये बगैर अपने आपको कॉरपोरेट के लाइन में खड़ा कर लिया है, तो वहीं केंद्र के अधीन चलें वाले राज्यों के लाइन में खड़ा भारत की राजधानी दिल्ली, इस समय गरीबो को सरकारी सुविधा देने को तत्पर है परन्तु दुर्भाग्यवश केंद्र सरकार दिल्ली सरकार को समय समय पर लगाम खींच कर घुटने टेकने पर मजबूर कर देती है। पिछले कई वर्षों से भारत सरकार द्वारा राज्यों मे ईडब्ल्यूएस के तहत छात्रों को निजी स्कूलों में प्रवेश का प्रावधान है, परन्तु कहीं कहीं मज़बूत कॉरपोरेट घराने वाले निजी स्कूल ईडब्ल्यूएस छात्रों को प्रवेश देने से इनकार कर देते हैं वहां राज्य सरकार के लिये चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। अभी फिर इसे प्रकार का मामला दिल्ली में दिल्ली सरकार को सामना करना पड़ रहा है। 
 अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कल्याण समिति ने शिक्षा विभाग से ईडब्ल्यूएस छात्रों का प्रवेश लेने से इन्कार करने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कराने  की मांग की है। एससी/एसटी कल्याण समिति के अध्यक्ष विशेष रवि का कहना है कि समिति के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने ईडब्ल्यूएस छात्रों का प्रवेश लेने से इन्कार करने वाले निजी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस जारी होने के बाद भी कुछ निजी स्कूलों ने ईडब्ल्यूएस छात्रों का प्रवेश नहीं लिया है और स्टेशनरी नहीं दी है। लिहाजा, समिति ने ऐसे निजी स्कूलों के खिलाफ शिकायत मिलने पर शिक्षा विभाग से एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है। समिति के अध्यक्ष विशेष रवि कहा कि हमने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि दिल्ली सरकार की तरफ से निर्धारित नियमों का पालन नहीं करने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
दरअसल, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कल्याण समिति के अध्यक्ष विशेष रवि के निर्देश पर जीडी सलवान, सलवान, एसडी पब्लिक, रामजस पब्लिक, जेडी टाइटलर और अन्य निजी स्कूलों को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया गया था। यह वे जिन स्कूल हैंख् जिन्होंने ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत छात्रों का प्रवेश लेने से इन्कार कर दिया था। साथ ही ये स्कूल ईडब्ल्यूएस के तहत आने वाले छात्रों को नियमानुसार मुफ्त स्टेशनरी, किताबें और वर्दी प्रदान नहीं कर रहे थे।

करोल बाग के विधायक विशेष रवि की अध्यक्षता में एससी/एसटी कल्याण समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में चर्चा का मुख्य विषय यह रहा कि निजी स्कूलों द्वारा ईडब्ल्यूएस/डिजी श्रेणी के छात्रों का प्रवेश, जो शिक्षा विभाग के माध्यम से प्रस्तावित किए गए थे, उन्हें इन्कार कर दिया गया था और ए ईडब्ल्यूएस/डीजी श्रेणी के छात्रों को मुफ्त किताबें, यूनिफार्म और स्टेशनरी प्रदान करने से मना कर दिया। पूरी दिल्ली से ऐसे छात्रों के अभिभावकों ने एसटी/एसटी कल्याण समिति से अपनी शिकायत दर्ज कराई है कि उनके बच्चों को ईडब्ल्यूएस के अंतर्गत प्रवेश और मुफ्त स्टेशनरी नहीं मिल रही है। इस आधार पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कल्याण समिति की पहली बैठक 30 मई 2022 को हुई थी और समिति के अध्यक्ष विशेष रवि ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सभी ईडब्ल्यूएस-डीजी छात्रों के लिए प्रवेश सुनिश्चित करें, जिनके नाम ईडब्ल्यूएस ड्रॉ में आए थे और यह भी सुनिश्चित करें कि निजी स्कूल नियमानुसार मुफ्त स्टेशनरी, किताबें और वर्दी सभी छात्रों को उपलब्ध कराएं।

समिति के निर्देश के आधार पर शिक्षा विभाग ने जीडी सलवान-पूसा रोड, सलवान-पूसा रोड, एसडी पब्लिक-पटेल नगर और जेडी टाइटलर-न्यू राजिंदर नगर स्कूलों को इस मामले में डिफॉल्टर होने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया था। अब यह पाया गया है कि नोटिस जारी होने के बाद भी कई निजी स्कूलों ने ईडब्ल्यूएस छात्रों को प्रवेश नहीं दिया और कोई मुफ्त स्टेशनरी भी प्रदान नहीं की। समिति के अध्यक्ष विशेष रवि ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि ईडब्ल्यूएस प्रवेश से इन्कार करने वाले और नियम के अनुसार ईडब्ल्यूएस बच्चों को मुफ्त किताबें और स्टेशनरी प्रदान नहीं करने वाले सभी निजी स्कूलों के खिलाफ डीएसईएआर अधिनियम 1973 के अनुसार दिए गए कारण बताओ नोटिस के आधार पर सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने यह सुझाव दिया कि ईडब्ल्यूएस-डीजी श्रेणी के छात्रों को परेशान करने वाले निजी विद्यालयों के प्रमुखों के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम के तहत दुर्व्यवहार करने की एफआईआर दर्ज की जाए। समिति के अध्यक्ष विशेष रवि ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निर्देश दिया है कि सभी ईडब्ल्यूएस छात्रों को निजी स्कूलों में नियमानुसार प्रवेश और स्टेशनरी दी जाए। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, हमने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि सरकार की तरफ से निर्धारित नियमों का पालन नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

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