विजयादशमी के अवसर पर शस्त्र शास्त्र पूजन एवं पथ संचलन कार्यक्रम का आयोजन

जब हमें सत्य, अहिंसा का पाठ पढ़ाया जाता है तो शास्त्रों की आवश्यकता क्यों हैं ? क्योंकि बल, बुद्धि का आपसी संबंध है

जब हमें सत्य, अहिंसा का पाठ पढ़ाया जाता है तो शस्त्रों की पूजा क्यों हैं ? हम सबको अपने अंदर सकारात्मक मनोदृष्टि बनाए रखनी चाहिएl

विजयादशमी के अवसर पर शस्त्र शास्त्र पूजन एवं पथ संचलन कार्यक्रम का आयोजन

एमपीएनएन – संवादाता

नई दिल्ली –  शनिवार, 28 अक्टूबर 2023 को राष्ट्र सेविका समिति झंडेवालान विभाग द्वारा विजयादशमी के अवसर पर शस्त्र शास्त्र पूजन एवं पथ संचलन कार्यक्रम का आयोजन पी. जी. डी. ए. वी. स्कूल, वेस्ट पटेल नगर, दिल्ली में आयोजन किया गया इस कार्यक्रम का आरम्भ समप्त और दीप प्रज्ज्वलन के साथ सुबह 8:00 बजे किया गया । इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता श्रीमती नंदिनी माल्या जी, बौद्धिक प्रमुख, झंडेवालान विभाग, मुख्य अतिथि के रूप में सुभद्रा गुप्ता जी, री. असिस्टेंट मैनेजर, एसबीआई तथा अध्यक्षा के रूप में डॉ. अर्चना धवन बजाज जी विश्व प्रसिद्ध Obs/Gynae, IVF consultan सम्मिलित रहीं ।साथ ही इस कार्यक्रम में माननीय माधुरी ताई अखिल भारतीय सह – कार्यवाहिका , प्रचारिका एवं राष्ट्रीय संयोजिका संवर्धिनी तथा श्रीमती प्रतिभा विष्ट राष्ट्र सेविका समिति दिल्ली प्रांत सह – कार्यवाहिका जी तथा अन्य अतिथि सेविकाएं शामिल रही। साथ ही इस कार्यक्रम में पुलिस कर्मियों, विद्यालय के प्रधानाचार्य तथा स्वयं सेवक बंधुओं ने भी सम्मिलित होकर सहयोगपूर्ण भूमिका निभाई।

इस कार्यक्रम मे असिस्टेंट मैनेजर, एसबीआई श्रीमती सुभुद्रा गुप्ता जी मुख्य अतिथि के रूप उपस्थित रही। उन्होंने ने शस्त्र और शास्त्रों का महत्व बताते हुए कहा “ जब हमें सत्य, अहिंसा का पाठ पढ़ाया जाता है तो शास्त्रों की आवश्यकता क्यों हैं ? क्योंकि बल, बुद्धि का आपसी संबंध है और यह दोनों व्यक्ति के जीवन में जरूरी है। शास्त्र जीवन में व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करते हैं शस्त्र दुश्मनों से रक्षा करना सिखाते हैं विजयदशमी के दिन आम आदमी से लेकर भारतीय सैन्य सेवा तक शस्त्रों की पूजा करते हैं । जीवन में शास्त्र – शस्त्र दोनों एक दूसरे से सबंधित व पूजनीय है। सनातन परंपरा में मां भगवती की 9 दिन की उपासना के बाद शास्त्रों की पूजा की जाती है शस्त्रों का संबंध जीवन की रक्षा से है । शास्त्रों का संबंध मानव के मनोबल से है।
इसके बाद डॉ अर्चना धवन प्रसाद जी ने इस कार्यक्रम में सेविकाओं को मार्गदर्शित करते हुए कहा स्त्री जीवन में शिक्षा बहुत आवश्यक है । अगर स्त्री शिक्षित होती है तो वह अनुशासित होती है,और आत्मनिर्भर बनती है। साथ ही परिवार और संगठन के लिए प्रेरणादायक होती है। प्रत्येक स्त्री को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना चाहिए।
डॉ.धवन जी ने स्त्री की आर्थिक आत्मनिर्भरता को स्त्री जीवन के लिए महतवपूर्ण बताया साथ ही उसके शारिरिक और मानसिक तथा सम्पूर्ण स्वास्थ्य के महत्व पर बल दिया उठाए जाते हैं।
इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप उपस्थित श्रीमती नंदनी माल्या जी ने ऐतिहासिक स्तर पर राष्ट्र सेविका समिति का महत्व समझाते हुए बताया कि “ विजयदशमी के दिन सन 1936 में वंदनीय मौसी लक्ष्मी बाई केलकर जी द्वारा राष्ट्र सेविका समिति का शुभारंभ हुआ। राष्ट्र सेविका समिति का प्रारंभ देश की स्त्रियों को भारतीय समाज में आदर्श अभिभावक बनाने के उद्देश्य से किया गया। आगे उन्होंने मौसी जी के जीवन के बारे में बताया कि कैसे उन्होंने अपनी सोच और नेक विचारों के कारण छोटी उम्र में ही समिति की स्थापना की l बहुत ही रचनात्मक ढंग से उन्होंने मौसी जी की यह बात कही कि पहले के समय में सीता जी की रक्षा करने के लिए राम जी थे परंतु आने वाले समय के लिए महिलाओं को आत्मनिर्भर होना होगा l एक स्त्री के जीवन में सुरक्षा और अनुशासन बहुत महत्व रखता है। महिलाओं को अपने मूल्य का आभास होना चाहिए l उन्होंने अष्टभुजा दुर्गा का उदाहरण देकर स्त्री शक्ति को दर्शाया l उन्होंने कहा कि नए भारत की स्थापना की शुरुआत हो चुकी है और हमें इस कार्य को आगे लेकर जाना है। अंत में उन्होंने कहा कि हम सबको अपने अंदर सकारात्मक मनोदृष्टि बनाए रखनी चाहिएl
स्त्री को सिर्फ शारीरिक स्तर तक सीमित नहीं होकर परिवार, समाज, देश आदि का दायित्व संभालना है।मां भगवती के समान स्त्रियों में त्रिविक शक्तियां हैं यह त्रिविक शक्तियां प्रेरक,मार्ग और तर्क है। इसलिए हिंदू धर्म में स्त्रियों को देवी के समान दर्जा दिया जाता है नवरात्रि में भी मां भगवती के तीनों गुणों की उपासना की जाती है। हिंदू धर्म में देवी देवताएं भी शस्त्रधारी है। यहां शस्त्रों का उपयोग क्रोध हिंसा से नहीं साधु लक्षण के लिए हैं जो देश के हित और कल्याण के लिए समय-समय पर उठाए जाते हैं।
यह पथ संचलन पीजीडीएवी स्कूल से निकल कर डब्ल्यू शोरूम होते हुए कलिंगा चौक , मेन मार्केट पटेल नगर से डबल स्टोरी ब्लॉक्स, फ्रूट मार्केट, वाद्यवा कॉलेज, सुभाष ज्वेलर्स से वापिस स्कूल की ओर लगभग तीन किलोमीटर की यात्रा के साथ संपूर्ण की गई । इस कार्यक्रम की तैयारी एक माह से घोषगण के साथ की जा रही है। यह पथ संचलन झंडेवाला विभाग के अंतर्गत चार जिले पटेल नगर, करोल बाग, मुखर्जी नगर और कमला नगर जिले के साथ 185 गणवेश सेविकाएं और 237 कुल सेविकाएं पथ संचलन में सम्मिलित रहीं।

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