वक़्फ़ बोर्ड संशोधन बिल से किसी गरीब मुसलमानों को कोई लाभ हैं न नुकसान,

वक़्फ़ की भूमि से आम गरीब बेघर यतीम मुसलमानों को कभी लाभ नहीं मिला और सरकार के नए कनून से न मिलने वाला है। नुकसान उनका ज़रूर है जो वक़्फ़ की भूमि पर अपना बजा जमाये बैठे हैं।

सूफीशाह-मलंग (फकीर) समुदाय की भारतीय पुस्तैनी नया वक्फ बोर्ड संशोधन बिल में एक अलग से औकाफ बोर्ड बनाये जाने की भी मांग करता है।

नया वक्फ संशोधन एक्ट गरीब मुसलमानों, महिलाओं और बच्चों के लिए एक सामाजिक परिवर्तन साबित होगा:                  एडवोकेट चांदनी शाहबानो

एमपीएनएन

लखनऊ: गुरुवार, राष्ट्रीय शाह समाज फाउंडेशन इन्डिया की राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट चांदनी शाहबानो ने नया वक्फ बोर्ड संशोधन बिल का समर्थन करते हुए कहा कि यह वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन पहली बार नहीं है इससे पहले भी कॉंग्रेस हुकूमत ने संशोधन किए हैं। यहीं लोग उस समय वक्फ बोर्ड एक्ट संसोधन बिल का विरोध क्यों नहीं किए. वक्फ बोर्ड से गरीब मुस्लिमों को कभी भी लाभ नहीं मिला यहां तक कि इससे पहले आम मुसलामान वक्फ बोर्ड को जानता भी नहीं था. य़ह नया वक्फ संशोधन एक्ट गरीब मुसलमानों, महिलाओं और बच्चों के लिए एक सामाजिक परिवर्तन साबित होगा।

बता दें कि एडवोकेट चांदनी शाहबानो राष्ट्रीय शाह समाज की बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष के दायित्व निभाने के साथ-साथ ही (मुस्लिम राष्ट्रीय मंच) सूफी शाह मलंग प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय सह-संयोजिका भी हैं। उन्होंने कहा कि किसी के बहकावे में आकर सूफीशाह-मलंग (फकीर) समुदाय नया वक्फ संशोधन बिल का विरोध नहीं करेगा बल्कि अपनी भारतीय परम्परा और भारतीय संविधान के अनुसार नया वक्फ संशोधन एक्ट में सभी धर्मों के गरीब पिछड़े वर्ग का प्रतिनिधित्व की पुरजोर मांग करता है और सूफीशाह-मलंग (फकीर) समुदाय की भारतीय पुस्तैनी धार्मिक परम्परागत मान्यताओं के कारण इस नया वक्फ बोर्ड संशोधन बिल में एक अलग से औकाफ बोर्ड बनाये जाने की भी मांग करता है।

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