विरोध के बावजूद दिल्ली सचिवालय में धूम धाम से मनाया गया अम्बेडकर जयंती

‘जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना’ के तहत गरीबों और दलितों के बच्चों को कोचिंग का सारा पैसा दिल्ली सरकार देगी- अरविंद केजरीवाल*

हमने तय किया है कि ‘जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना’ के तहत गरीबों और दलितों के बच्चों को कोचिंग का सारा पैसा दिल्ली सरकार देगी- अरविंद केजरीवाल*

दिल्ली सचिवालय में बाबा साहेब की तस्वीर लगाने पर विरोध, केजीवाल डेट रहे।

हमने तय किया है कि ‘जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना’ के तहत गरीबों और दलितों के बच्चों को कोचिंग का सारा पैसा दिल्ली सरकार देगी- अरविंद केजरीवाल*

नई दिल्ली – बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर की जयंती के अवसर पर त्यागराज स्टेडियम में आज एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसका हजारों लोग गवाह बने। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब से हमने दिल्ली सरकार के दफ्तरों में बाबा साहब की तश्वीर लगाने का एलान किया है, विरोधी मेरा खूब विरोध कर रहे हैं। मैंने कसम खाई है कि बाबा साहब का जीवन और उनका संदेश इस देश के हर घर-घर में पहुंचाउंगा। बाबा साहब का सपना मैं पूरा करूंगा और हम इस देश के हर बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाकर रहेंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के दो करोड़ लोगों के लिए यह गर्व की बात है कि अमेरिका के राष्ट्रपति की धर्मपत्नी पूरी दुनिया में केवल दिल्ली का सरकारी स्कूल देखने आईं। अभी कुछ दिन पहले तमिलनाडु के सीएम स्टालिन दिल्ली के सरकारी स्कूल देखने आए थे और अब 18 अप्रैल को पंजाब के सीएम भगवंत मान अपने अफसरों को हमारे स्कूल दिखाने ला रहे हैं। उन्होने कहा कि हमने तय किया है कि ‘जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना’ के तहत गरीबों और दलितों के बच्चों को कोचिंग का सारा पैसा दिल्ली सरकार देगी। अभी तक 13 हजार बच्चे इस योजना का फायदा उठा चुके हैं।
बाबा साहब डॉ. भीम राव अंबेडकर की जयंती पर त्यागराज स्टेडियम में आयोजित राज्य स्तरीय भव्य समारोह को संबोधित करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि साहब का जन्मदिन है। हम लोग यहां हर्षाेल्लास से उनका जन्मदिन मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। बचपन से मैं बाबा साहब का बहुत बड़ा भक्त रहा हूं। उनके जीवन और विचारों को मैंने कई कई बार पढ़ा है और जितनी बार में पढ़ता हूं, उतनी बार मेरे मन में यह संकल्प और मजबूत होता है। पिछले 200-250 सालों के अंदर इस देश ने जितने महापुरुष पैदा किए, उनमें शायद सबसे सर्वश्रेष्ठ बाबा साहब अंबेडकर थे। बात में ऐसे ही नहीं कह रहा। वे इतने गरीब परिवार में पैदा हुए, उनके घर में खाने के लिए भी कुछ नहीं था। उन दिनों में छुआछूत बहुत थी। स्कूल में जाते थे, तो उनको क्लास के बाहर बैठा दिया जाता था। उन दिनों आठवीं और दसवीं पास करना बहुत बड़ी बात मानी जाती थी। बहुत कम लोग पास कर पाते थे और ग्रेजुएशन पास करना तो बिल्कुल नामुमकिन सी बात हुआ करती थी। इतने गरीब दलित समाज से आने वाले व्यक्ति ने ग्रेजुएशन की और 1913-14 में वो अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ने चले गए। कोलंबिया यूनिवर्सिटी में आज के समय में भी एडमिशन लेना आसान नहीं है। आज तो इंटरनेट का जमाना है। पता चल जाएगा कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी क्या है। उसका फॉर्म कहां से मिलता है। आप सोच कर देखिए कि 1913-14 में उस बच्चे को कैसे पता चला कि कोई कोलंबिया यूनिवर्सिटी भी है। किसने बताया, उनको फॉर्म कहां से मिला। उस जमाने में इंटरनेट तो था नहीं। उस जमाने में दलित समाज से आया हुआ इतना गरीब बच्चा कहीं से कहीं से कोलंबिया यूनिवर्सिटी के बारे में पता करता है और कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए चला जाता है। वहां से पीएचडी की डिग्री लेकर चला आता है। वे उससे भी संतुष्ट नहीं हुए और फिर वे लंदन में दूसरी डॉक्टरेट की पढ़ाई करने चले गए। लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स दुनिया का सबसे बेहतरीन कॉलेज माना जाता है। आज की तारीख में भी लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में एडमिशन लेना असंभव सा है। इतने गरीब परिवार जन्मे बाबा साहब अंबेडकर विदेश से दो-दो डिग्री लेकर आए। मुझे तो अभी भी यकीन नहीं होता है कि ऐसा कोई आदमी इस धरती पर पैदा हुआ था।
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब मैं यह कहता हूं कि मैं उनसे बहुत प्रेरित हूं, तो मैं कोई हवा में कहने के लिए नहीं बोलता हूं कि आज उनका जन्मदिन है, इसलिए मैं यह बोल रहा हूं। मैं वास्तव में बाबा साहब से बहुत प्रभावित हूं। इस साल 26 जनवरी को मैंने ऐलान किया कि दिल्ली सरकार के हर दफ्तर में बाबा साहब अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीर लगाई जाएगी। हम दूसरे सभी स्वतंत्रता सेनानियों की इज्जत करते हैं। किसी का भी अपमान नहीं है, लेकिन इन दोनों लोगों से हम ज्यादा प्रभावित हैं। तो हमने कहा कि इन दोनों महापुरुषों की तस्वीर दिल्ली सरकार के सारे दफ्तरों में लगाई जाएगी। मैंने तो अच्छे मन से ऐलान किया था, क्योंकि मैं इन दोनों की पूजा करता हूं और दोनों को बहुत मानता हूं। दूसरी विरोधियों ने खूब मेरा विरोध किया। इन लोगों ने मेरे को इतनी गालियां दी, जैसे मैंने पता नहीं क्या कसूर कर दिया? विरोधियों ने कहा कि केजरीवाल इनकी तस्वीर क्यों लगा रहा है। मैंने कहा कि जिसको तुम मानते हो, तुम लगा लो, जिसको मैं मानता हूं, मैं लगा लूंगा। इतना विरोध किया गया। मेरे को एक बार लगा कि मैंने बाबा साहब की तस्वीर लगा कोई कसूर तो नहीं कर दिया। दूसरी पार्टी के लोग विरोध कर रहे हैं कि केजरीवाल ने बाबा साहब की तस्वीर क्यों लगाई। इनके विरोध से मेरे को और प्रेरणाा व ऊर्जा मिली है। ये जितना मेरा विरोध कर रहे हैं, मैंने कसम खाई कि बाबा साहब का जीवन और उनका संदेश इस देश के हर घर-घर में पहुंच जाऊंगा। तुम जितना विरोध करोगे, उतना हम और डटकर उनका संदेश घर-घर के अंदर पहुंचाएंगे।
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी बाबा साहब का हमने नाटक कराया था। वह नाटक बहुत शानदार था। कहते हैं कि अपने देश में ही नहीं, पूरी दुनिया में बाबा साहब का इतना भव्य नाटक पिछले 75 साल में पहली बार हुआ है। मैं फक्र के साथ सीना चौड़ा करके कहता हूं कि तुम विरोध करो, मैं बाबा साहब के और नाटक दिखाएंगे। दिल्ली के अंदर सारे सरकारी स्कूलों में हमने बाबा साहब की पढ़ाई अनिवार्य कर दी है। बच्चों को बाबा साहब के जीवन के बारे में पढ़ा रहे हैं। बाबा साहब खुद तो खूब पढ़े और इतना पढ़ने के बाद उन्होंने अपने जीवन में यह अनुभव किया कि जब तक कोई भी बच्चे को अच्छी पढ़ाई नहीं मिलेगी, तब तक उसकी जिंदगी नहीं बन सकती। तब तक उसका उत्थान नहीं हो सकता। उस बच्चे का भी, उसके परिवार का भी और देश का भी। देश भी तभी आगे बढ़ेगा, जब गरीबों और अमीरों के बच्चों को एक जैसी और अच्छी शिक्षा मिलेगी। परिवारों का भी तभी भला होगा, जब उस परिवार के बच्चे अच्छी शिक्षा पाएंगे। बाबा साहब का सपना था कि इस देश में चाहे वो गरीब का बच्चा हो या अमीर का बच्चा हो, हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। हमारे नेताओं ने क्या किया?  हमारे नेताओं ने आजादी के बाद दो किस्म की शिक्षा प्रणाली इस देश में शुरू कर दी। एक शिक्षा प्रणाली गरीबों के लिए और एक पैसे वालों के लिए। जिसके पास पैसे, वो अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भेजो। जो गरीब है, वो अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में भेजो। इन्होंने जानबूझकर 75 सालों में सरकारी स्कूलों का बेड़ा गर्क कर दिया। हमारे देश के नेता और पार्टियां, यह चाहते थे और इस देश के अंदर गरीबों और दलितों के खिलाफ षडयंत्र रचा गया कि इनके बच्चे गरीब रहने चाहिए। ये कहते हैं कि इनके हाथ में पैसा आ जाएगा, तो इनका सिर चढ़ जाएगा। लेबर के दाम बढ़ जाएंगे। तुम्हारे दाम इतने बढ़ गए और मजदूरों को पैसे देते समय तुम्हारी नानी याद आती है। जानबूझकर गरीबों को गरीब रखा गया, गरीबों को शिक्षा नहीं दी गई। गरीबों को शिक्षा मिल जाएगी, तो गरीबों के बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बनेंगे। इन्होंने यह जानबूझकर किया।
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब दिल्ली में हमारी सरकार बनी, तो मेरे ऊपर बहुत दबाव आया। हम चाहते थे कि गरीबों और अमीरों के बच्चों को एक जैसे शिक्षा मिले। मेरे को कई लोगों ने कहा कि एक कानून लेकर आओ। उस कानून में यह प्रावधान कर दो कि आईएएस अफसरों, मंत्रियों और एमएलए के बच्चे सरकारी स्कूल पढेंगे। बोले कि अगर ऐसा हो गया, तो सारे सरकारी स्कूल ठीक हो जाएंगे। मैंने कहा कि सरकारी स्कूल ऐसे ठीक नहीं होंगे। मैंने उनकी बात नहीं मानी। मैंने कहा कि मैं ऐसे करूंगा कि सारे सरकारी स्कूल ऐसे शानदार कर दूंगा कि मंत्रियों और आईएएस अफसर अपने बच्चों को अपनी मर्जी से सरकारी स्कूल में पढ़ आएंगे। हमारा संकल्प था कि सरकारी स्कूल ऐसे कर देंगे कि आईएएस अफसर, मंत्रियों और एमएलए अपनी मर्जी से अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाना शुरू करेंगे। उस समय हमारा संकल्प था। मन में भावना थी, लेकिन हमें यह नहीं पता था कि इतनी जल्दी हो जाएगा। पांच साल के अंदर हमने दिल्ली के सरकारी स्कूल इतना शानदार कर दिए कि आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों के अंदर एक ही डेस्क पर जज, आईएएस अफसर और रिक्शे वाले का बच्चा एक ही डेस्क पर बैठकर पढ़ता है। यह भारत के पहले इतिहास में पहली बार हो रहा है कि इस साल 3.75 लाख बच्चों ने अपने नाम प्राइवेट स्कूलों से कटवा कर सरकारी स्कूल में दाखिला कराया है। जब हमारी सरकार 2015 में बनी थी। तब मेरे घर के बाहर लाइन लगाकर थी। कोई कहता था कि सिफारिश कर दो, मेरे बच्चे का डीपीएस में एडमिशन करा दो। आज मेरे घर के बाहर लाइन लगती है कि मेरे बच्चे का स्कूल सरकारी स्कूल में एडमिशन करा दो। जमाना बदल गया है।
मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दुनिया में सबसे शक्तिशाली आदमी अमेरिका का राष्ट्रपति है। दो साल पहले अमेरिका के राष्ट्रपति भारत आए। उस समय डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति थे। ट्रंप साहब भारत आए। अपने परिवार के साथ दिल्ली आए। उनके साथ उनकी पत्नी और उनकी बेटी भी थीं। ट्रंप साहब तो मोदी जी के साथ मीटिंग कर रहे थे और उनकी धर्मपत्नी दिल्ली के सरकारी स्कूल देखने आ गईं। ट्रंप साहब के स्टाफ से मैंने पूछा कि ट्रंप साहब तो पूरी दुनिया में घूमते हैं। मैडम मिलेनिया ट्रंप और भी किसी देश में स्कूल देखने गई हैं। उन्होंने बताया कि कहीं नहीं गई हैं। वो दिल्ली के सरकारी स्कूल देखने आई हैं। या कमाल की बात है। दिल्ली के दो करोड़ लोगों के लिए गर्व की बात है कि अमेरिका के राष्ट्रपति की धर्मपत्नी पूरी दुनिया में केवल दिल्ली का सरकारी स्कूल देखने आई। इसके अलावा भी कई बड़ी हस्तियां दिल्ली के सरकारी स्कूल देखने आ चुकी हैं। अभी थोड़े दिन पहले, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन साहब दिल्ली के सरकारी स्कूल देखने के लिए आए थे। 18 अप्रैल को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान जी अपने सारे अफसरों को दिल्ली के सरकारी स्कूल को दिखाने ला रहे हैं। हमें भी ऐसे ही स्कूल बनाने हैं।
बाबा साहब का सपना था कि हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। 70 साल में गरीबों के बच्चों को अनपढ़ रखने का षडयंत्र रचा गया। मैंने कसम खाई है, बाबा साहब का सपना मैं पूरा करूंगा। इस देश के हर बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाकर रहेंगे। आज हमने स्टेज पर कुछ बच्चों का सम्मान किया। हमने जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना लागू की है। यह योजना क्या है? 12वीं करने के बाद मैंने आईटी में पढ़ाई की। 1985 मेरा एडमिशन हुआ था। मेरे को याद है कि आईआईटी में एडमिशन लेना इतना मुश्किल होता था और आज भी है। मैंने दो-दो कोचिंग इंस्टीट्यूट से कोचिंग की थी। ऊपर वाले की कृपा है कि मैं ऐसे परिवार में जन्मा, जहां मेरे माता पिता के पास साधन थे। वे मेरे को दो-दो कोचिंग करा पाए। इस देश में बहुत गरीब बच्चे हैं। दलितों के बच्चे हैं। जो मेधावी तो बहुत हैं, लेकिन उनके मां-बाप के पास पैसे नहीं हैं। वे 12वीं करते हैं। उनका सपना है, वे भी चाहते हैं कि वे डॉक्टर, इंजीनियर और वकील बनें। लेकिन आज कंपीटिशन इतना हो गया है कि मेधावी बच्चे भी पास नहीं हो पाते हैं। एक-एक कोचिंग के ढाई लाख, तीन लाख और 4-4 लाख रुपए लगते हैं। इसलिए हमने तय किया कि गरीबों और दलितों के बच्चों को कोचिंग का पैसा दिल्ली सरकार देगी। मैंने कहा कि आप कोचिंग स्कूल में जाकर के एडमिशन ले लो। एडमिशन की पर्ची दिखा दो और सारा खर्चा हम देंगे। 12वीं के बाद आप इंजीनियरिंग या मेडिकल करना चाहते हो या ग्रेजुएशन के बाद रेलवे, बैंकिंग, क्लर्क, सिविल सर्विसेज या पुलिस की भर्ती के पेपर देने है, तो आप अपना एडमिशन कोचिंग इंस्टीट्यूट में ले लो, पैसे हम देंगे। अभी तक 13 हजार बच्चे इसका फायदा उठा चुके हैं। इतने बच्चों का भविष्य बंद का बन गया। अगर इनको कोचिंग नहीं मिली होती, तो क्या होता। हालांकि ये बच्चे मेधावी थे। हो सकता है कि हो जाता, लेकिन कई बच्चों का नहीं होता। हर बच्चे को अच्छे से अच्छा मिले, हर बच्चों को अच्छा से अच्छा अवसर मिले, हमारी यही कोशिश है। अब हम सब लोगों को यह प्रण लेना है कि बाबा साहब का जो सपना था कि इस देश के हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले, हमें वह सपना भी पूरा करना है और बाबा साहब के संदेश, उनके जीवन के बारे में एक-एक घर के अंदर पहुंचाना है।
इस अवसर पर एससी-एसटी एवं अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि आज पूरी दुनिया में बाबा साहब डॉ. भीम राव अंबेडकर की जयंती मनाई जा रही है। इतिहास गवाह है कि एक समय था, जब पूरी दुनिया के अंदर न तो कोई जाति थी और न कोई धर्म था। इंसानों ने अपने जरूरत के अनुसार धर्म की रचना की और कुछ लोगों ने अपने फायदे के लिए जातियों की रचना की। अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड जैसे देशों में जातियां नहीं हैं। केवल भारत के अंदर जातियां हैं और साढ़े तीन हजार सालों से हमारे समाज के लोगों ने इसे झेला है। डॉ. भीमराव अंबेडकर का हमें धन्यवाद करना चाहिए कि उन्होंने भारत के संविधान के माध्यम से कम से कम संवैधानिक दृष्टि से हम सबको समान अधिकार दिया। वे ऐसे भारत का निर्माण करना चाहते थे, जहां सबके लिए समान अवसर, सरकारी खर्चे पर क्वालिटी एजुकेशन और सबके लिए रोजगार के साधन हो। स्वतंत्रता सेनानियों और संविधान निर्माताओं ने जो सपना देखा था, देश के कुछ जातिवादी मानसिकता से ग्रसित लोगों की वजह से वह सपना पूरा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि कम से कम दिल्ली में एक आशा की किरण के रूप में अरविंद केजरीवाल निकल कर आए हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल जी का सपना है कि मैं बाबा साहब अंबेडकर के सपनों को पूरा करूंगा। अमीर हो या गरीब हो, किसी भी जाति-धर्म का हो, बिना किसी पक्षपात के उनके लिए हम समान अवसर देंगे। मैं अपने पूरे समाज की तरफ से सीएम अरविंद केजरीवाल जी का धन्यवाद करूंगा कि उन्होंने जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना बनाकर देश के बच्चों के सपनों को साकार करने की शुरुआत कम से कम दिल्ली में कर दी है। अभी इसकी शुरूआत दिल्ली में हुई है, कल पंजाब में होगी, फिर हिमाचल, हरियाणा, गुजरात और पूरे देश में होगी। यह जो दिल्ली से उम्मीद की लौ चली है, वह पूरे देश के अंदर जाने वाली है।
उन्होने कहा कि आशा और उम्मीद के रूप में अरविंद केजरीवाल जी आए हैं। मैं समझता हूं, जब वह पूरे देश का नेतृत्व करेंगे, तो पूरे देश में जाति-धर्म की सारी बंदिशों को तोड़कर सबको समान रूप से साथ लेकर आगे बढ़ेंगे। सबके लिए समान अवसर पैदा करेंगे। तब कहीं जाकर बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर और शहीद भगत सिंह के सपनों का भारत बनेगा। उन्होंने सभी लोगों से निवेदन करते हुए कहा कि एक रोटी कम खा लेना, एक कपड़ा कम सिलवा लेना, पर अपने बच्चों को जरूर पढ़ाना। किसी भी कीमत पर नशे से दूर रहना। यह नशा ही हमारी नस्लों को बर्बाद करने के लिए काफी है। अपने बच्चों को नशे से बचाने और पढ़ने के रास्ते पर लाइए, आपके बच्चे भी डॉ आंबेडकर बन सकते हैं।
बाबा साहब डॉ. भीम राव अम्बेडकर की जयंती के अवसर पर आज एसडब्ल्यू/एससी/एसटी कल्याण विभाग द्वारा त्यागराज स्टेडियम में एक राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समारोह के मुख्य अतिथि रहे। सीएम अरविंद केजरीवाल बाबा साहब डॉ. अंबेडकर को उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनको नमन किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, एसडब्ल्यू/एससी/एसटी कल्याण विभाग के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, राखी बिड़लान, इमरान हुसैन, कई विधायक और पार्षद समेत कई गणमान्य लोगों ने समारोह में भाग लिया। इस समारोह में शामिल होने के लिए सरकार की तरफ से लोगों के आने-जाने के लिए करीब 130 बसों की व्यवस्था की गई थी। इस भव्य समारोह में दिल्ली के कोने-कोने से छह हजार से अधिक लोग शामिल हुए और समारोह के गवाह बने।
त्यागराज स्टेडियम में आयोजित भव्य राज्य स्तरीय समारोह की शुरूआत धम्म गीत के साथ हुई। मुम्बई से आए पावा वर्ल्ड ऑफ म्युजिक ग्रुप द्वारा यह म्युजिकल धम्म गीत प्रस्तुत किया गया। पावा ग्रुप ने बाबा साहब और महात्मा बुद्ध पर आधारित कई गीतों की प्रस्तुति दी। बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन पर आधारित ‘जय भीम’ मेगा एनिमेशन फिल्म का प्रदर्शन किया गया। करीब पांच मिनट के इस एनिमेटेड वीडियों में बाबा साहब के जीवन दर्शन और देश व समाज के प्रति दिए गए उनके योगदान को प्रदर्शित किया गया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने रिमोट दबाकर ‘जय भीम’ एनिमेशन फिल्म का गीत लांच किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनरल स्टोर (किराना), गारमेंट व्यवसाय, स्टेशनरी की दुकान आदि के व्यवसाय शुरू करने और अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए करीब 15 लाभार्थियों को 2.50 से 3 लाख रुपए ऋण का चेक वितरित किया। इससे पहले, इस योजना के तहत, डीएसएफडीसी ने अप्रैल 2022 में दिल्ली के 81 लाभार्थियों को ऋण के रूप में 1.24 करोड़ स्वीकृत किएं।
विभाग द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए निःशुल्क कोचिंग प्रदान करने के लिए ‘जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना’ लागू की गई है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और ईडब्ल्यूएस विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं यानी सिविल सेवा परीक्षा, न्यायपालिका परीक्षा, रक्षा बलों, समूह बी और समूह सी पदों और बैंकिंग सेवा परीक्षा में प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाने और सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए 46 कोचिंग संस्थानों को पैनलबद्ध किया है। साथ ही, छात्र अगर इंजीनियरिंग, चिकित्सा, कानून और प्रबंधन जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने के लिए अपनी पसंद के किसी अन्य प्रतिष्ठित संस्थान से कोचिंग करते हैं, तो सरकार ऐसे छात्रों को अधिकतम सीमा तक कोचिंग शुल्क की प्रतिपूर्ति करती है। वर्तमान में, इस योजना के तहत लगभग 13 हजार छात्र निःशुल्क कोचिंग सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना से सैकड़ों छात्र अपनी पसंद के संस्थानों में प्रवेश और विभिन्न सरकारी सेवाओं में भर्ती करने में सफल रहे हैं। इस योजना का लाभ लेकर इंटेलिजेंस ब्यूरो, बैंक, एपीएफओ, शिक्षा विभाग समेत अन्य विभागों में नौकरी पाने वाले ऐसे 12 युवाओं को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया।
दिल्ली सरकार के एसडब्ल्यू/एससी/एसटी कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित दिल्ली के निवासियों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए दिल्ली कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। विभाग की तरफ से 09 छात्रवृत्ति योजनाओं को लागू किया रहा है, जिसमें 05 राज्य वित्त पोषित योजनाएं शामिल हैं। इसमें, कक्षा 1 से 12 तक के पब्लिक स्कूलों के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए ट्यूशन शुल्क की प्रतिपूर्ति, कॉलेज व व्यावसायिक संस्थानों में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए मेरिट छात्रवृत्ति योजना, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए डॉ. बी.आर. अंबेडकर राज्य टॉपर पुरस्कार, अनुसूचित जाति के छात्रों को विदेश में उच्च स्तरीय पढ़ाई करने के लिए वित्तीय सहायता और मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रतिभा योजना और 04 केंद्र प्रायोजित योजना यानी एससी के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाएं, ओबीसी के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाएं, अनुसूचित जाति के लिए मैट्रिक पूर्व छात्रवृत्ति योजना और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए मैट्रिक पूर्व छात्रवृत्ति योजना संचालित की जा रही है। पिछले तीन वर्षों के दौरान इन योजनाओं के तहत लगभग 16 लाख लाभार्थी लाभान्वित हुए हैं। इसके अलावा, यह विभाग अपेक्षित प्रशासनिक और वित्तीय सहायता प्रदान करके अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग और दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग के कामकाज को भी सुगम बनाता है।
दिल्ली अनुसूचित जाति वित्तीय विकास निगम अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए विभाग के अंतर्गत कार्य करता है और इस समूह के लाभार्थियों के समग्र उत्थान और विकास के लिए आय सृजन योजनाओं के निर्माण और कार्यान्वयन पर काम करता है। विभाग द्वारा लगभग 1500 व्यक्तियों को परिधान प्रशिक्षण एवं डिजाइन केंद्र (एटीडीसी) और राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) के माध्यम से व्यावसायिक प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, ताकि इन वर्गों से संबंधित लोगों को विशेषकर व्यापार में उनके कौशल और ज्ञान को विकसित किया जा सके और वे आत्मनिर्भर बन सकें। कौशल प्राप्त आवेदकों द्वारा प्रस्तावित इकाई की स्थापना के लिए समग्र ऋण योजना, परिवहन ऋण योजना, बड़ी ऋण योजना और दिल्ली स्वरोजगार योजना के तहत ऋण दिया जाता है। पिछले वर्षों में इन योजनाओं के माध्यम से बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग लाभान्वित हुए हैं।

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