दिल्ली विधान सभा के पहले दिन मॉनसून सत्र में दिल्ली सरकार के अधिकारियों के तबादले का मुद्दा गरमाया।
केंद्र सरकार, दिल्ली को अपने क़ब्ज़े में रखने के लिये असंवैधानिक तरीके से दिल्ली सरकार शिक्षा अधिकारियों के तबादले कर, 6 लाख बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है- मनीष सिसोदिया*
केंद्र सरकार, दिल्ली को अपने क़ब्ज़े में रखने के लिये असंवैधानिक तरीके से दिल्ली सरकार शिक्षा अधिकारियों के तबादले कर, 6 लाख बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है- मनीष सिसोदिया*
दिल्ली विधान सभा के पहले दिन मॉनसून सत्र में दिल्ली सरकार के अधिकारियों के तबादले का मुद्दा गरमाया।
केंद्र सरकार, दिल्ली को अपने क़ब्ज़े में रखने के लिये असंवैधानिक तरीके से शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर फेरबदल ।
केंद्र सरकार, दिल्ली को अपने क़ब्ज़े में रखने के लिये असंवैधानिक तरीके से दिल्ली सरकार शिक्षा अधिकारियों के तबादले कर, 6 लाख बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है –
मनीष सिसोदिया*
विशेष संवादाता
नई दिल्ली- दिल्ली में 3 जुलाई से विधान सभा स्तर आरम्भ हो गया। सत्र आरम्भ होते ही विधान सभा अध्यक्ष के अभिभाषण के बाद उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विधानसभा में राज्यपाल द्वारा दिल्ली सरकार के अन्य विभागों में पड़े पैमाने पर बड़े अधिकारियों का किये गये तबादले के मुद्दों को उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार असंवैधानिक तरीके से दिल्ली सरकार अंतर्गत उसके अधिकारों को छीनकर दिल्ली में अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहती है। जैसा कि अभी हाल ही दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग में हस्ताक्षेप कर विभाग के आला अधिकारियों के तबादले कर 6 लाख बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। भाजपा शासित केंद्र सरकार ताश के पत्तों और म्यूजिकल चेयर की तरह दिल्ली सरकार के विभागों के अधिकारियों का तबादला कर रही है। इससे सबसे ज्यादा उच्च शिक्षा प्रभावित हो रही है। वर्तमान में दिल्ली सरकार की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन का समय चल रहा है लेकिन पिछले निदेशक के तबादले के बाद 22 दिनों से उच्च शिक्षा निदेशक के पद पर किसी को नियुक्त नहीं किया गया है। स्कूली शिक्षा बच्चों की नींव को मजबूत करती है। ठीक उसी तरह उच्च शिक्षा नौजवानों के भविष्य को संवारने का काम करती है। लेकिन आज केंद्र सरकार नौजवानों के भविष्य के साथ खेल रही है। केंद्र सरकार ने सर्विसेज को दिल्ली की चुनी हुई सरकार से असंवैधानिक रूप से छीन कर ट्रान्सफर पोस्टिंग की शक्ति छीन ली है। अब उन शक्तियों का दुरूपयोग कर ताश के पत्तों को फेंटने के समान दिल्ली के अधिकारियों का ट्रान्सफर कर रही है। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष और विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एमसीडी में बिल्डिंग डिपार्टमेंट के जूनियर इंजीनियर सात-सात साल से वहीं पर हैं। मगर उच्च शिक्षा के प्रमुख सचिव का तबादला कुछ दिनों में ही हो जाता है। ट्रेनिंग एंड टेक्निकल एजुकेशन विभाग के अंदर चार साल में 9 प्रमुख सचिव और 7 निदेशक बदले गए हैं। भविष्य में लोग हसेंगे कि एलजी को दिल्ली में तबादले करने की ताकत केंद्र सरकार ने दे दी थी। एलजी हर 2 महीने के अंदर उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक का ही तबादला कर देते थे। यह बात इन्होंने विधानसभा में अल्पकालीन चर्चा में कही।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने
दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लगातार तबादले पर विधानसभा में बोलते हुए कहा कि दिल्ली में संवैधानिक व्यवस्था के तहत भूमि, पुलिस व पब्लिक आर्डर केंद्र सरकार के पास है। उसके बाद सभी विभाग से संबंधित निर्णय लेने का अधिकार दिल्ली के लोगों द्वारा चुनी हुई सरकार के पास है लेकिन केंद्र सरकार बेहद बेशर्मी के साथ बाबा साहेब द्वारा बनाए गए संविधान की धज्जियाँ उड़ा रही है। उन्होंने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार ने सर्विसेज को दिल्ली की चुनी हुई सरकार से असंवैधानिक रूप से छीन कर ट्रान्सफर पोस्टिंग की शक्ति छीन ली है और अब उन शक्तियों का दुरूपयोग कर ताश के पत्तों को फेंटने के समान दिल्ली के अधिकारियों का ट्रान्सफर कर रही है। इसका सबसे ज्यादा नुक्सान उच्च शिक्षा व तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में हुआ है।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने असंवैधानिक रूप से दिल्ली की चुनी हुई सरकार की ये शक्तियां छीन कर दिल्ली में उच्च शिक्षा व तकनीकी शिक्षा को पूरी तरह बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि संविधान के तहत उच्च शिक्षा व तकनीकी शिक्षा देने का अधिकार राज्य की चुनी हुई सरकार के पास- मुख्यमंत्री जी के पास है। उनके नेतृत्त्व में हम वर्ल्ड-क्लास स्किल सेंटर बना रहे है, अपनी यूनिवर्सिटीज में रिसर्च का काम कर रहे है लेकिन केंद्र सरकार सर्विसेज को छीन कर उच्च शिक्षा व तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में सरकार द्वारा किए जा रहे शानदार कामों को रोकने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने आगे कहा कि हाल ये हो चुका है कि किसी शानदार आईडिया पर आज शाम उच्च शिक्षा के डायरेक्टर के साथ चर्चा करो और प्लान बनाओं लेकिन अगले दिन पता चलता है कि केंद्र द्वारा उसका ट्रान्सफर कर दिया गया। केंद्र सरकार ने पूरे सिस्टम का माजक बना दिया है। अगर कोई अधिकारी गलत कर रहा है तो बेशक उसका ट्रान्सफर क्या जाए लेकिन इस बात का क्या औचित्य है कि बिना किसी कारण में हर 2-3 महीने में उच्च शिक्षा व तकनीकी शिक्षा के डायरेक्टर-सेक्रेटरी का ट्रान्सफर कर दिया जाता है। ऐसी क्या वजह है कि केंद्र सरकार अधिकारियों का लगातार ट्रान्सफर कर रही है।
अंत मे उन्हों ने कहा कि शायद केंद्र सरकार को शिक्षा की कोई समझ नहीं है इसलिए उच्च शिक्षा के अधिकारियों के साथ म्यूजिकल चेयर का खेल खेलते हुए उनका ट्रान्सफर कर रही है। उन्होंने कहा कि जैसे स्कूली शिक्षा बच्चों के नीँव को मजबूत करती है ठीक उसी तरह उच्च शिक्षा नौजवानों के भविष्य को संवारने का काम करती है लेकिन आज केंद्र सरकार नौजवानों के भविष्य के साथ खेल रही है| उन्होंने कहा कि वर्तमान में दिल्ली सरकार की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन का समय चल रहा है लेकिन पिछले निदेशक के ट्रान्सफर के बाद पिछले 22 दिनों से उच्च शिक्षा निदेशक के पद पर किसी को नियुक्त नहीं किया गया है| उच्च शिक्षा व तकनीकी शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को बर्बाद करने के लिए ही केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार से सर्विसेस को छीनने का काम किया है और 6 लाख नौजवानों के भविष्य के साथ खेल रही है।
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