यूपी में गौहत्या पर रासुका तो दिल्ली में क्यूँ नहीं ? ए. के. सोलंकी (वरिष्ठ समाज सेवी)
दिल्ली जैसे महानगरों में हमारे गौरक्षक, गौशाला संचालक व गाय पालनहार हिन्दू भाई अपने आवश्यकता अनुसार गाय का इस्तेमाल कर उन्हें सड़कों पर खुले आम छोड़ना क्या यह पाप नही है? क्या इसके लिये लिये दंडित नहीं किया जाना चाहिये?
दिल्ली जैसे महानगरों में हमारे गौरक्षक, गौशाला संचालक व गाय पालनहार हिन्दू भाई अपने आवश्यकता अनुसार गाय का इस्तेमाल कर उन्हें सड़कों पर खुले आम छोड़ना क्या यह पाप नही है? क्या इसके लिये लिये दंडित नहीं किया जाना चाहिये?
यूपी में गौहत्या पर रासुका तो दिल्ली में क्यूँ नहीं ? – ए. के. सोलंकी (वरिष्ठ समाज सेवी)
बड़ा ही सुखद सा लगा जब एखबारों कि सुर्खियों में यह पढ़ने को मिला कि उत्तरप्रदेश में जो भी गौहत्या करेगा उसपर रासुका लगाया जाएगा।
वाकई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे संतो के हाथ में जब सत्ता की बागडोर होती है तब ही करनी और कथनी एक बनती है हमारे देश में हिंदू तो जो इतना कमजोर हो गया था कि अपनी आवाज उठाते हुए भी डरता था परंतु एक खास समुदाय सरकारों का चैता वोट बैंक बना हुआ था दोस्तों 2014 के बाद गौ माता संत और सनातन की बात ने जोर पकड़ा और कुछ जागृति आई उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में इतना बड़ा राज्य होते हुए भी सनातनी धार्मिक स्थल हो गौमाता हो और संतों से संबंधित समस्याएं हो उनको सुनने वाला कोई मुख्यमंत्री आया और देश में प्रधानमंत्री जिनका हमें धन्यवाद देना चाहिए की एक सोया हुआ हिंदू जाग रहा है, परंतु दोस्तों कई बार देखता हूं तो महसूस होता है गौमाता और धर्म की बात करने वाले खुद अपने हिंदू भाई जो हमारी गौ माता के साथ अत्याचार कर रहे हैं, उसे एक दुधारू पशु के रूप में और गौशाला की आड़ में गौ माता का बुरा हाल कर रखा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने ऐसा कानून बनाया की गौ हत्या पर जो भी उसका जिम्मेवार हो उस पर रासुका के तहत कार्रवाई होनी चाहिए, यह बहुत सुखद समाचार है परन्तु क्या, इसी प्रकार दिल्ली जैसा शहर जो कि देश की राजधानी है उसके मुख्यमंत्री को यूपी के मुख्यमंत्री योगी जी से शिक्षा ले लेनी नहीं चाहिए , वह बात शिक्षा और स्वास्थ्य की करते हैं परंतु इस दिल्ली शहर में हमारी गौ माता की दयनीय स्थिति है इसको सुबह शाम किसी भी समय आप सड़कों पर कूड़ा धर्म के पास और फुटपाथ पर देखना एक आम बात हो गई है परंतु ना किसी हमारे हिंदू भाई ने और ना किसी संस्था ने और ना ही राजनीतिक किसी व्यक्ति या पदाधिकारी ने कोई आवाज उठाई, बात करते हैं गौ माता की, धर्म की, सनातन की, और उसी गौ माता की आड में उसे एक व्यापार की वस्तु बनाकर उसका दोहन किया जा रहा है, दूध को बेचा जा रहा है और दुह कर शहर की सड़कों पर मरने के लिये खुला छोड़ दिया जाता है। दोस्तों जैसा मैंने इस अखबार के लेख में पड़ा तो मेरी भी इच्छा हुई किस बात के लिए कोई नहीं बोल रहा तो मैं अपना मुंह जरूर खोलो क्योंकि पिछले कई सालों पहले हमने गौ माता के लिए एक गौशाला एवं चिकित्सालय का शिलान्यास और स्थापना की थी परंतु बड़े दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है वहां पर जब हमसे गौ माता के साथ होते हुए अत्याचार को देखा तो मन बहुत उदास हुआ और हमारी फाउंडर माता समान जो फाउंडर थी इस दौरान करो ना काल में उन्होंने भी हमारा साथ छोड़ दिया और वह इस दुनिया से चली गई परमपिता परमात्मा उनको अपने चरणों में स्थान दे और उनके लगाएंगे पौधे रूपी उस गौशाला को एक दूध की डेरी में में तब्दील कर दिया है मात्र पैसे कमाने का साधन बना दिया है और इतना ही नहीं उसी राह पर चलते हुए और बहुत सारे भाई बंधु भी इस दिल्ली में गौशाला और गौ माता के नाम पर लाखों रुपए कमा रहे हैं और हमारी गौ माता को पैसा कमाने की एक मशीन बना लिया है क्या वह दंड के अधिकारी नहीं है क्या हमारी सरकारी संस्थाओं को यह नजर नहीं आता क्या हमारी सोशल संस्थाओं की जमीर मर चुकी है जो कोई भी आवाज नहीं उठा रहा दोस्तों गौ हत्या गोकशी से जोड़कर तो बवाल मच जाता है परंतु जो धर्म के ठेकेदार गो सेवक और गोपालक बने बैठे हैं और उनका मुख्य उद्देश्य गौमाता से केवल पैसा कमाना है उनको दंडित करने के लिए दिल्ली सरकार या हम माननीय उपराज्यपाल जी से यह पूछना चाहते हैं की क्या आप इस मुद्दे को दिल्ली में नहीं देख पा रहे या आपको कोई दिखाई नहीं दे रहा हम आप को दिखाना चाहते हैं और बताना चाहते हैं दिल्ली में दिल्ली डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड को खत्म कर दिया गया था और दिल्ली में डेरियो को बैन कर दिया गया था पशुपालकों पर भी टैक्स लगाने जैसी बातें चली थी माननीय अरविंद केजरीवाल की ईमानदार सरकार क्या हिंदुत्व को कुचलना चाहती है या मूकदर्शक बन गई है दिल्ली में गौशालाओं की आड में जो दूध का व्यापार चल रहा है और लाखों रुपए का धर्मार्थ पैसे का लेनदेन दानपुर और सहयोग अपने धर्म के लिए अपने हिंदू भाई हो चाहे कोई और इन संस्थाओं को पैसा दे रही है भरपूर मात्रा में पैसा मिलता है और चंद लोग उसे अपने निजी स्वार्थ और निजी कार्य और निजी तरक्की में लगाकर धनवान बनते जा रहे हैं क्या उनको पाप नहीं लगेगा अगर गौ माता जिन जिन गौशालाओं में डेरी में या उसके पालक द्वारा की गई लापरवाही सेव मरती हैं उन पर उत्तर प्रदेश जैसा एक कानून बनाकर कार्रवाई करनी चाहिए क्या नहीं मैं तो यह कहना चाहता हूं हर वार्ड में उस वार्ड के एमसीडी द्वारा नियुक्त अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी हर महीने अपने अपने वार्ड कि गौ माता का संरक्षण उनका पालन उनके दूध का व्यापार और गौशाला के रूप में जो धन इकट्ठा कर रहे हैं भूमियों को कब जा रहे हैं उन सबको एक लिस्ट बनाकर क्या हर साल ऑडिट करने की व्यवस्था नहीं करनी चाहिए अगर ऐसा कुछ हो जाए तो हमारी गौ माता को यह हमारा सच्चा प्यार दुलार और माता कहने का अधिकार देगा वरना करने वाले भी पापी हैं जो देखकर चुप हैं वह भी पापी हैं और जो इस चीज पर आवाज नहीं उठा रहे और जो भ्रष्ट अधिकारी या तंत्र केवल पैसा इसकी आड़ में कम आ रहे हैं उन सबको गौ हत्या का दोष और पाप लगेगा और दोस्तों ब्राह्मण हत्या गौ हत्या और मित्र के साथ विश्वासघात यह महा पाप की श्रेणी में आते हैं आओ सब मिलकर एक मुहिम चलाएं और अपनी गौमाता को बचाएं एक ऐसा कानून बनवाए जिससे मां गौ माता पर अत्याचार करने वाले दुष्ट प्रवृत्ति के आदमी जो उसे पैसा कमाने की मशीन बना चुके हैं उनको सजा मिल सके और उन्हें भी दंड का डर हो क्योंकि जब तक समाज में सजा का प्रावधान रहेगा तब तक सुधार आने की संभावना कम और भ्रष्टाचार बढ़ने की संभावना ज्यादा रहेंगी समाज में दंड का डर होना चाहिए ना की सजा का प्रावधान किसी भाई को मेरे शब्दों से पीड़ा हुई हो और दुख पहुंचा हो तो मैं क्षमा प्रार्थी हूं परंतु मैं इसके लिए अपने पैनल एडवोकेट के साथ मीटिंग कर कर एक हाई कोर्ट पिटिशन बनाने पर विचार जरूर करूंगा मुझे मालूम है मुझे बुरा भला भी कहा जाएगा और लोगों का विरोध वह वेद धमकियां भी मिलेंगे परंतु कोई बात नहीं जन्माष्टमी के बाद कान्हा के लिए उस गोपालक के लिए उसकी गायों की दर्द भरी दास्तां में जरूर कहूंगा और उठाऊंगा जय गौ माता आपका एके सोलंकी
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